अब तो पवित्र इश्क को भी यहां लोगो ने, पाकीज़ा नहीं रखा जिस्मानी खेल बना दिया है। अब तो पवित्र इश्क को भी यहां लोगो ने, पाकीज़ा नहीं रखा जिस्मानी खेल बना दिया ...
हाँ, हूँ तवायफ मैं, पर वस्त्र के अंदर की रूह से, मैं अब भी पाकीज़ा हूँ, हाँ, मैं अब भी पाकीज़ा हू... हाँ, हूँ तवायफ मैं, पर वस्त्र के अंदर की रूह से, मैं अब भी पाकीज़ा हूँ, हाँ, ...
ये इश्क़ न जाने क्यों बेताब सा दिखता है खुशबू कोई भी हो फूल गुलाब सा दिखता है... ये इश्क़ न जाने क्यों बेताब सा दिखता है खुशबू कोई भी हो फूल गुलाब सा दिखता है...
गहराती जा रही है रात, बात कर लें। शिकवे जो रहे गुस्ताख, राख कर लें। गहराती जा रही है रात, बात कर लें। शिकवे जो रहे गुस्ताख, राख कर लें।
क्या पता था हमें तनहाईयाँ हाथों की लकीरों में तुम लिख जाओगे जो बात मैं समझा न कभी इश्क में तुम म... क्या पता था हमें तनहाईयाँ हाथों की लकीरों में तुम लिख जाओगे जो बात मैं समझा न...
तुझसे ही जुड़े मेरे नग्मे जग से प्यारे लगे ईश्क के लम्हे मेरी आशीकी भी क्या रंग लाई है... तुझसे ही जुड़े मेरे नग्मे जग से प्यारे लगे ईश्क के लम्हे मेरी आशीकी भी क्या रं...